कम्प्यूटर क्या है ?


कम्प्यूटर क्या है ?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो इनपुट डिवाइस के द्वारा डाटा ग्रहण करता है, फिर उसे प्रोसेस करता है और आउटपुट डिवाइस के द्वारा हमें परिणाम दिखा देता है. जिसे भविष्य में भी प्रयोग किया जा सकता है.

इस परिभाषा के स्पष्ट है कि कम्प्यूटर युजर द्वारा पहले कुछ निर्देश लेता है जो विभिन्न इनपुट डिवाइसों की मदद से प्रविष्ट कराए जाते है. फिर उन निर्देशों को प्रोसेस किया जाता है, और आखिर में निर्देशों के आधार पर परिणाम देता है जिसे आउटपुट डिवाइसों की मदद से प्रदर्शित करता है.

कम्प्यूटर कैसे काम करता है ?

Input Devices

वे DEVICES जिसका प्रयोग डाटा को PC के अंदर enter करने या निर्देश देने के लिए किया जाता है उन्हें इनपुट डिवाइस कहा जाता हैं. ये डाटा और instruction हम इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल कर के अलग अलग form में enter करते हैं.

इनपुट डिवाइस अलग अलग प्रकार के हैं जिससे डाटा और instruction को इनपुट कर सकते हैं. यहाँ मैं आपको अलग अलग इनपुट डिवाइस के बारे में बता रहा हूँKeyboard, Light pen, Digital Camera, Mouse, Scanner.

Motherboard

Motherboard सिस्टम का main circuit board होता है. इसमें सभी हिस्सों को connect किया जाता है.

CPU, Mouse, keyboard, प्रिंटर, मॉनिटर और भी devices cables से directly motherboard से कनेक्टेड होती है. Motherboard सिस्टम के अंदर एक hardware होता है. इसे हम सिस्टम का backbone भी बोलते हैं.

C.P.U. (Central Processing Unit)

इसे सिस्टम का दिमाग बोला जाये तो बिलकुल गलत बात नहीं है. जिस तरह इंसान अपने दिमाग से सोचता है और decision लेता है उसी तरह सिस्टम में भी CPU इंसान के दिमाग की तरह काम करता है.

CPU किसी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर से आने वाले instruction को follow करता है और कंट्रोल करता हैCPU के मुख्यता 2 पार्ट्स होते हैं.

·       Arithmetic and Logical Unit

·       Control Unit

Arithmetic और logical unit दोनों तरह के डाटा (numerical or logical data) को कैलकुलेट करता है और निर्णय लेता है.

ये addition, subtraction, multiplication, division के साथ ही logical data (< = > and , or) को प्रोसेस कर लेता है. Control unit system के सारे कामों को कंट्रोल करता है.इस के सारे पार्ट्स को जैसे input, output, processor के काम को नियंत्रित करता है.

Output Devices

सिस्टम में डाटा प्रोसेस हो जाने के बाद रिजल्ट को output करने कर के दिखने के लिए जिन devices को सिस्टम प्रयोग करता है उसे आउटपुट डिवाइस बोला जाता है.

यहाँ मैं आपको कुछ जरुरी आउटपुट डिवाइस बता रहा हूँMonitor, Speaker, Printer, Projector, etc.

कम्प्यूटर का परिचय 

Computer अपना कार्य अकेला नही कर सकता है. Computer किसी कार्य को करने के लिए कई तरह के उपकरणों तथा प्रोग्राम की सहायता लेता है. Computer के ये उपकरण और प्रोग्राम क्रमश: ‘Hardware तथा Software ‘ के नाम से जाने जाते है. Computer के इन उपकरणों तथा प्रोग्राम के बारे में आप अगले Lessons में जान पाएंगे।  हार्डवेयर, सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर मिलकर किस प्रकार काम करते है निचे दिए गए चित्र से आप समझ सकते है। 


कम्प्यूटर के विभिन्न उपकरण 

ऊपर जो Computer आप देख रहे है इसेडेस्कटॉप Computerकहते है. वर्तमान समय में इसी प्रकार के Computer अधिक प्रचलित है. इस फोटो में आपको कई अलग-अलग उपकरण दिख रहे होंगे ये सभी मिलकर Computer मशीन को बनाते है. आइए इन उपकरणों के बारे में संक्षिप्त में जानते है.

1. System unit

System Unit एक बक्सा होता है जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक यंत्र लगे होते है. सिस्टम युनिट को CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है. इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र होते है जो Computer को कार्य करने लायक बनाते है. इसे Computer Case भी कहते है। 

2. Monitor

Monitor एक आउटपुट उपकरण है जो हमें दिए गए निर्देशों के परिणामों को दिखाता है. यह बिल्कुल टीवी के जैसा होता है. वर्तमान में मॉनिटरो की जगह एल सी डी एवं एल डी ने ले ली है। 

3. Keyboard

Keyboard एक इनपुट उपकरण है जो हमें Computer को निर्देश देने के लिए होता है. इसकी मदद से ही Computer को वांछित आंकडे एवं निर्देश दिए जाते है. इसमे विभिन्न प्रकार की कुंजिया (keys) होती है इन्ही के द्वारा आंकडे एवं निर्देश Computer तक पहुंचाए जाते है. आप यहाँ से Keyboard का उपयोग  करना सीख सकते है। 

4. Mouse

Mouse भी एक इनपुट उपकरण है जो Computer को निर्देश देने के लिए होता है. हम इसके द्वारा Computer में उपलब्ध प्रोग्राम को चुनते है. आप यहाँ से Mouse का उपयोग  करना सीख सकते है। 

 5. Speakers

Speakers आउटपुट उपकरण है जो हमें Computer से आवाज को सुनने में मदद करते है. इन्ही के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनी सुनाई देती है.

6. Printer

Printer भी एक आउटपुट उपकरण है जो Computer द्वारा विश्लेषित सूचनाओं को कागज पर प्राप्त करने के लिए होता है. कागज पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं कोहार्डकॉपीभी कहते है. और इसके उलट जो सूचनाए Computer में ही रक्षित रहती है उन्हेसॉफ्टकॉपीकहते है। 

कम्प्यूटर की विशेषताएं

कम्प्यूटर ने हम इंसानों द्वारा किए जाने वाले अधिकतर कामों पर कब्जा कर लिया हैं और इंसान को उसकी क्षमता से अधिक कार्य-क्षमता प्रदान की हैं. यह सब इस मशीन के खास गुणों के कारण संभव हैं. तभी हम इंसान कम्प्यूटर को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. कम्प्यूटर की कुछ खास विशेषताएँ निम्न हैं.

1. गति Speed

कंप्यूटर बहुत ही तेज गति से काम करती है| एक कंप्यूटर प्रयेक सेकंड 3 से 4 million instruction को process करने की क्षमता रखती है| कंप्यूटर का speed (गति) को Millisecond, microsecond, Nano second or Picosecond में मापा जाता है| मनुष्य के अपेक्षा कंप्यूटर की गति अविश्वश्नीय यानि की बहुत ही तेज होती है|

2. शुद्धता – Accuracy

Computer के द्वारा जो भी हमें रिजल्ट मिलता है वह पूरी तरह से शुद्ध होता है मतलब की कंप्यूटर तब तक गलती नहीं करता है जब तक की यूजर कुछ गलत इनपुट ना करे मतलब की यूजर के इनपुट के अनुसार कंप्यूटर accurate रिजल्ट देता है|

3. परिश्रमी – Diligence

यह बहुत भी लगन से काम करता है| मतलब की यह कभी भी काम करते समय थकता नहीं है यानि की थकान महसूस नहीं करता है| यह घंटो तक बिना किसी रुकावट के काम कर सकता है| इसके द्वारा आप जितने भी instruction perform करवाना चाहें, आप इसके द्वारा instruction perform करवा सकते हैं, यह आपके सभी instruction को बिना रुके और बिना स्पीड को कम किये सभी task को पूरा करता है। 

और उसकी विशेषताएं 

4. बहुप्रतिभा – Versatility

इसके द्वारा आप अलग अलग प्रकार के काम कर सकते हैं| यह एक बार में multiple काम कर सकता है यानि की एक बार में एक से ज्यादा टास्क को perform कर सकता है| जैसे यदि आप अभी typing कर रहे हैं तो आप इसके background में music भी play कर सकते हैं या फिर कोई दूसरा काम भी perform कर सकते हैं|

6. संप्रेषण – Communication

एक कम्प्यूटर मशीन अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से भी बात-चीत कर सकता हैं.यह नेटवर्क के जरीए अपना डाटा का आदान-प्रदान एक-दूसरे को आसानी से कर सकते हैं.

7. भंडारण क्षमता – Storage Capacity

कंप्यूटर में पहले से ही मेमोरी लगे हुए होते हैं जिनके पास storage capacity बहुत ज्यादा होता है जो की बहुत ज्यादा डाटा को store करके रख सकते हैं| इसके अलावा आप डाटा store करने के लिए secondary devices का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की Hard Disk, Floppy Disk, CD, DVD, Pen Drive etc.

इसमें जितने भी डाटा store होते हैं उन सभी डाटा को कभी भी retrieve किया जा सकता है|

8. विश्वसनीय – Reliability

यह एक भरोसेमंद और विश्वसनीय मशीन हैं.इसका जीवन लंबा होता हैं.इसके सहायक उपकरणों को आसानी से पलटा और रख-रखाव किया जा सकता है। 

 कम्प्यूटर की सीमायें 

कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे अपना कार्य करने के लिए हम इंसानों पर निर्भर रहना पडता हैं. जब तक इसमे निर्द्श प्रविष्ट नहीं होंगे यह कोई परिणाम उत्पादित नहीं कर सकता हैं.इसमें विवेक नहीं होता हैं. यह बुद्धिहीन मशीन हैं. इसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती हैं. मगर वर्तमान समय में कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) के द्वारा कम्प्यूटरों को सोचने और तर्क करने योग्य क्षमता विकसित की जा रही है। 

इसे काम करने के लिए साफ-सुथरे वातारण की जरुरत पडती हैं. क्योंकि धूल-भरी जगह पर इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती हैं. और यह कार्य करना बंद भी कर सकता है। 

आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें जिससे अधिक से अधिक लोग इसे पढ कर अपने कंप्यूटर ज्ञान में बृद्धि कर सकें। 

                                            धन्यवाद
                                         प्रकाश तिवारी 

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